कुली का काम करने वाला कैसे बना IAS अफसर
केरल. UPSC पास करना हर युवा का सपना होता है लेकिन आप गरीब है संसाधनों कि कमी है तो ये सपना पूरा करना महज एक ख्वाब लगता है ।ऐसे ही एक गरीब लड़का रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करता था। दूसरों का बोझ उठाकर वो अपने लिए दो वक्त की रोटी जुटा लेता था। पर उसकी आंखों में बड़े सपने पल रहे थे। वो भी दूसरों को देख सोचता था कि शूट-बूट पहनकर किसी दिन अफसर बने। पर उसके पास न तो घर था, न किताबें, नोट्स और कोचिंग जैसी सुविधाएं लेकिन गरीबी और लाचारी में भी उसने हौसला बनाए रखा। वो इंसान रेलवे का फ्री वाई-फाई इस्तेमाल करके पढ़ाई करने लगा। कड़ी मेहनत वाले काम के साथ वो पढ़ाई भी करता रहा और सन् 2018 में यूपीएससी के एग्जाम को पास कर IAS बन गया ।
हर साल लाखों बच्चे यूपीएससी की तैयारी के लिए कोचिंग में लाखों रुपये खर्च करते हैं दिल्ली में जाकर रूम किराया लेकर पढ़ते है । पर ये कहानी है एक छोटे से फोन से रेलवे का फ्री वाई-फाई इस्तेमाल कर पढ़ाई करने वाले केरल के एक कुली की।
केरल से ताल्लुक रखने वाले श्रीनाथ एक बेहद गरीब परिवार से थे। जैसे वे बढ़े हुए उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई कर ली। उसके बाद श्रीनाथ ने एर्नाकुलम रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का सामान ढोने वाले कुली का काम करना शुरू कर दिया।
पर इस श्रीनाथ के पास ऐसा कोई संसाधन नही था। जिससे वो देश की सबसे बड़ी और कठिन परीक्षा सिविल सेवा परीक्षा क्रैक कर सके लेकिन उन्होंने कर दिखाया ।
कुली कि काम कि वजह से उनके पास पढ़ाई करने के लिए भी वक्त नहीं था। वो कोचिंग नहीं ले सकते थे क्योंकि उन पर अपना घर चलाने का दबाव था। ऐसे में उन्होंने रेलवे स्टेशन पर अपने फोन से पढ़ाई करना शुरू कर दिया।
श्रीनाथ अपने फोन पर नोट्स बनाते और काम के दौरान ऑडियो बुक्स और डिजिटल कोर्सेज सुनकर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करते थे। रेलवे का फ्री वाई-फाई ही उनका एकमात्र सहारा था जो उनको मंजिल तक ले जा सकता था।
श्रीनाथ बताते हैं कि, जैसे ही उन्हें कुली के काम से फुर्सत मिलती थी वो स्टेशन पर पढ़ने बैठ जाते। स्टेशन पर इस्तेमाल होने वाले फ्री वाई-फाई का इस्तेमाल करके लेक्चर के वीडियोज और ऑडियोज डाउनलोड कर लेता था और पढ़ाई करता था।
मैं दूसरों का समान उठाते-उठाते हेडफोन लगाकर लेक्चर और डिजिटल कोर्सेज सुनता रहता था। ऐसे मेरी पढ़ाई होती थी।
इसके पहले भी वो दो बार एग्जाम दे चुके थे लेकिन सफलता नहीं मिली थी वो निराश हुए लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी आखिरकार मेहनत रंग लाई। रेलवे स्टेशन पर दूसरों का बोझ ढोने वाले इस कुली के संघर्ष और काबिलियत को लोगों ने लोहा माना। जो स्टूडेंट्स गरीबी का रोना रोते है उनके लिए बहुत बड़ा सबक और सीख है।
फिर वो दिन भी आया जब श्रीनाथ ने साल 2018 में UPSC एग्जाम क्लीयर कर हर किसी को हैरान कर दिया । पेशे से कुली श्रीकांत ने ये परीक्षा बिना किसी कोचिंग और नोट्स के पास की। उन्होंने तीसरी बार में ये परीक्षा पास की देश में ऐसे ऐसे भी युवा है जो विषम परिस्थितियों में अपने कठिन परिश्रम से सब कुछ हासिल कर लेते है ।