प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कैसे करें? आइए जानते है ।
वर्तमान समय में प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल करना काफी मुश्किल होता जा रहा है दिन प्रतिदिन कम्पटीशन बढ़ते जा रहा है । सफलता प्राप्ति के लिए छात्र कई वर्षों से कड़ी मेहनत करते हैं, जिसमें किसी को सफलता हाथ लगती है तो किसी को निराशा। आपने देखा होगा कि कई बार वर्षों से मेहनत करता आ रहा छात्र सरकारी सेवा के लिए चयनित नहीं हो पाता लेकिन कोई छात्र अपने पहले प्रयास में ही सफल हो जाता है। आखिर हम किस तरह से प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए रणनीति बनाए ताकि सफलता हासिल कर सके ।आइये जानते है ।
लक्ष्य निर्धारित करें –
सरकारी नौकरी की होड़ में लगे ज्यादातर छात्र यही गलती करते हैं कि वे लक्ष्य निर्धारित किए बगैर हर तरह की भर्ती में आवेदन करते रहते हैं। असफल होने वाले छात्रों में ज्यादातर संख्या इन्हीं की होती है। कभी भी इस तरह के लक्ष्यों को एक साथ ले कर ना चलें जिनकी राहें अलग-अलग होती हैं। हालाँकि आप ऐसी परीक्षाओं की तैयारी एक साथ कर सकते हैं जिनके पाठ्यक्रम में समानता हो।
अपनी रूचि को समझें –
प्रत्येक व्यक्ति कि रूचि अलग- अलग होती है रुचि से हमारा आशय आपके कार्यक्षेत्र से है। कभी भी सरकारी नौकरी के लिए मजबूर हो कर नहीं भागना है। अगर ऐसी स्थिति हो तो भी हमेशा अपनी रुचि के अनुसार विषय और कार्यक्षेत्र का चुनाव करें। सरकारी सेवा में भी कई तरह के विकल्प मौजूद हैं। आप उसी परीक्षा की तैयारी करें जिसमें आपकी रूचि सबसे ज्यादा हो, क्योंकि आप जिस विषय या क्षेत्र का चयन करते हैं उसमें आप पहले से मजबूत होते हैं और समय के साथ और अधिक मजबूत होने की सम्भावनाएँ बढ़ जाती हैं। इससे आपके सफल होने के अवसर भी बढ़ जाते हैं। अतः अपनी रुचि को जानें और उसके अनुरूप ही तैयारी करें।
खुद को अपडेट रखें –
खुद को अपने क्षेत्र में अपडेट रखना बहुत जरुरी है, इसकी महत्त्वता सरकारी नौकरी की तैयारी के दौरान बहुत ज्यादा है। हमें जिस सरकारी क्षेत्र में नौकरी करनी है, उससे सबंधित हर तरह की सूचना के लिए खुद को अपडेट रखना होगा, क्योंकि बहुत बार छात्र जरुरी सूचना से वंचित रह जाते हैं। किसी भर्ती से सबंधित खबरों से अपडेट रहने के लिए आप हमेशा अख़बार पढ़ें या फिर आप बोर्ड/आयोग की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से आप अपनी परीक्षा से सबंधित जरुरी सूचना समय पर प्राप्त करते रहें। सिर्फ सोशल मीडिया के भरोसे न रहे ।
परीक्षा प्रारूप को समझें –
अपनी रुचि के अनुसार लक्ष्य निर्धारित करने के बाद सबसे जरुरी यह है कि परीक्षा के प्रारूप को समझें। इसमें पाठ्यक्रम, प्रश्न-पत्र के प्रारूप, चयन प्रक्रिया, आदि शामिल हैं। इसमें अधिकतर सूचनाएँ अधिसूचना के समय ही मिल जाती हैं। परीक्षा आयोजन को अच्छी तरह से समझें और पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए प्रश्न-पत्र का प्रारूप भी समझें और इनके अनुसार अपनी तैयारी की शुरुआत करें।
अच्छी रणनीति बनाएँ –
प्रारूप जानने के बाद अब परीक्षा के लिए एक अच्छी रणनीति बनाएँ। परीक्षा के लिए मौजूद समय, परीक्षा की अवधि, विषय में अपनी पकड़ के अनुसार समय देना शुरू करें। कई बार छात्र अपने पसंदीदा विषय को ले कर ही पढ़ता रहता है जो कि फायदेमंद नहीं है। अतः हमेशा प्रश्न-पत्र के प्रारूप के अनुसार ही पढ़ने की रणनीति बनाएँ और समझें की क्या पढ़ना है और किस विषय को कितना पढ़ना है।
नोट्स जरूर बनाएँ –
कई छात्रों को पढ़ा हुआ याद ना रहने कि समस्या आती है। इसका मुख्य कारण यह होता है कि वे पढ़ते समय नोट्स नहीं बनाते यानी खुद नहीं लिखते। पढ़ते समय खुद से नोट्स बनाने से आपको पढ़ा हुआ अच्छे से याद होगा और इसके अलावा पुनरीक्षण के समय भी आसानी रहती है।
डिजिटल लर्निंग –
आधुनिक दौर में अध्ययन के लिए इंटरनेट अच्छा माध्यम साबित हो रहा है। जिन अच्छे कोचिंग सेंटर के लिए छात्रों को दूर शहर जाना पड़ता था। वे कोचिंग सेंटर मोबाइल एप के रूप में उनके फ़ोन में उपलब्ध हैं। जिससे छात्र अपने घर बैठे ही प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। दैनिक समसामयिकी के मुद्दे भी यूट्यूब के माध्यम से आसानी से छात्रों को उपलब्ध हो रहे हैं।
आत्मविश्वास –
अगर यह है तो जीत पक्की है। अगर इंसान खुद पर भरोसा करना सीख ले, तो वह क्या कुछ नहीं कर सकता। दोस्तों आत्मविश्वास ही इंसान की वह शक्ति है जिससे हर असंभव कार्य काे संभव बनाया जा सकता है। यही डगमगा गया तो बनता काम भी बिगड़ जाता है। इसलिए हमेशा अपने लक्ष्य को लेकर सकारात्मक रहें और अपनी तैयारी में कोई कमी ना छोड़ें। अतः उक्त बातों को भी ध्यान में लेकर चलें और अपने अंदर अपने लक्ष्य के प्रति सकारात्मक विचारों को बनाए रखें