बचत और चालू खाता क्या होता है इनके अंतर को जानिए ।

हर व्यक्ति का बैंक में खाता होता है क्योंकि पैसों को सुरक्षित रखने का सबसे अच्छा और आसान तरीका यही है कि उसे बैंक में जमा कर दें। इसके लिए आपको बैंक में एकाउंट खुलवाना होता है।
एकाउंट 2 तरह के होते हैं

1..बचत खाता (saving Account )
2..चालू खाता (current Account)

ये दोनों एकाउंट का इस्तेमाल जमा, निकासी और ट्रांजेक्शन के लिए किया जाता हो लेकिन इन दोनों में काफी अंतर है।

सेविंग एकाउंट में मैक्सिमम बैलेंस की लिमिट होती है वहीं करंट अकाउंट में ऐसी कोई लिमिट नहीं होता है। हम आपको इन दोनों एकाउंट के बारे में बता रहे हैं।

बचत और चालू खाते में अंतर

1.सेविंग्स बैंक एकाउंट मतलब बचत खाता वेतन पाने वाले कर्मचारी या फिर बचत को बैंक में जमा करने के लिए खुलवाया जाता है।

वहीं करंट बैंक एकाउंट चालू खाता व्यापार करने वालों के लिहाज से होता है। इसे पार्टनरशिप फर्म, स्टार्टअप, एलएलपी, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, पब्लिक लिमिटेड कंपनी आदि भी खुलवा सकती हैं।

2.सेविंग्स अकाउंट में जमा पर ब्याज मिलता है, इसलिए यह टैक्स के दायरे में आता है। लेकिन, करंट अकाउंट में जमा पर ब्याज नहीं मिलता इस कारण ये टैक्स के दायरे से बाहर होता है।

3.सेविंग्स बैंक अकाउंट पर कस्टमर्स को ब्याज मिलता है लेकिन कंरट अकाउंट पर कोई ब्याज नहीं मिलता है।

4.सेविंग्स अकाउंट से आप केवल उतना ही पैसा निकाल सकते हैं, जितना उसमें है।
लेकिन करंट अकाउंट में यह सुविधा मिलती है यानी आप इसमें मौजूद बैलेंस से ज्यादा भी विदड्रॉल कर सकते हैं। इसे ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी कहते हैं

5.सेविंग्स अकाउंट से प्रति महीने में किए जाने वाले ट्रांजेक्शन के लिए आम तौर पर एक सीमा निर्धारित होती है। आप एक तय नंबर से ज्यादा ट्रांजेक्शन नहीं कर सकते हैं।
लेकिन करंट अकाउंट के लिए ऐसी कोई सीमा निर्धारित नहीं है।

6.करंट अकाउंट में मैक्सिमम बैलेंस की कोई सीमा नहीं है। लेकिन सेविंग्स अकाउंट में यह सीमा होती है।

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