बजट से बदलता रेलवे का स्वरूप्
इस बार बजट में पहली बार अब तक का सर्वाधिक पूंजीगत परिव्यय 2.40 लाख करोड़ रुपए रखा जाने से रेल सेवाओं में तो व्यापक सुधार होगा ही, साथ ही विकास को भी गति मिलेगी। देश में रेलवे परिवहन व माल ढुलाई का सबसे सुलभ साधन है और रेलवे के विकास आधुनिकीकरण को गति मिलती है तो विकास को भी गति निश्चित रूप से मिलेगी।
कोविड के बाद वंदे भारत और हाइड्रोजन ट्रेन
कोविड महामारी के दौर में रेलवे बड़े संकट से जूझा है, लेकिन अब उससे उभरने लगा है। अब रेलवे की अर्थव्यवस्था पटी पर लौट रही है, यह इस बात से पता चलता है कि पूरे देश में वंदे भारत ट्रेन श्रृंखला को विस्तार दिया जा रहा है।वंदे भारत एक्सप्रेस भारत की पहली स्वदेशी सेमी हाईस्पीड ट्रेन है। वहीं दूसरी ओर यह उत्साहवर्धक है कि देश को अपनी पहली हाइड्रोजन ट्रेन दिसंबर तक मिलने जा रही है, जिसे आत्मनिर्भर भारत अभियान की नई कामयाबी कही जा सकती है।
रेलवे नेटवर्क का विधुतीकरण किया गया
यहां उल्लेखनीय यह भी है कि अब तक भारत के 85 फीसदी से अधिक रेलवे नेटवर्क का विद्युतीकरण किया जा चुका है। निश्चित रूप से रेलों के लिए जहां ईंधन में स्वदेशी आत्मनिर्भरता जरूरी है, वहीं पर्यावरणीय मुद्दों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।भारत की हरित ऊर्जा की प्राथमिकताओं के प्रति गंभीरता रेलवे के अभियानों में नजर आनी चाहिए। साथ ही रोजगार की प्राथमिकताओं को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
वित्तीय संसाधनों की बड़ी वृद्धि
रेलवे प्रशासन के सामने मौजूद चुनौतियों के मद्देनजर हाल के बजट में वित्तीय संसाधनों की बड़ी वृद्धि इस क्षेत्र में अपार संभावनाओं के मार्ग खोलती है।
जहां रेलवे एक और आम लोगों का सस्ता व सुलभ आवागमन का माध्यम है, वहीं करोड़ों लोगों का रोजगार भी इससे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर जुड़ा होता है। अच्छी बात यह है कि अप्रैल से दिसंबर 2022 के बीच रेलवे यात्री किराए से रेलवे की कुल आय 48, 913 करोड़ रुपए हुई है।।
यह वृद्धि उल्लेखनीय है, क्योंकि वर्ष 2021 में इसी समान नौ महीने की अवधि के दौरान हुई आय के मुकाबले 71 फीसदी अधिक है।फिर भी अभी भी रेलवे के सामने अनेक चुनौतियां है माल तुलाई राजस्व में तो वृद्धि देखी जा रही है, लेकिन यात्री भाड़े में तेजी नहीं देखी जा रही है।इस पर रेल प्रशासन को विचार करना चाहिए। रेलों के किराए में काफी वृद्धि है, यात्री सुरक्षा व सुविधाएं भी चुनौती बनी हुई है। देश में करोड़ों लोग प्रतिदिन ट्रेनों का उपयोग करते हैं। इसके मद्देनजर यात्रियों की संतुष्टि रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
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