भारत में बाघो की संख्या पर रिपोर्ट
खबरों में क्यों?
हाल ही में केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायलय में बताया कि देश में 53 टाइगर रिजर्व और 2967 बाघ हैं।
मुख्य बिंदु–
◾बाघ बिल्लियों की सबसे बड़ी प्रजाति है और पैथेरा जीनस का सदस्य है।
▪️ वैज्ञानिक नाम: पैंथेरा टाइग्रिस
▪️भारतीय उप प्रजाति: पैंथेरा टाइग्रिस टाइग्रिस)
▪️ बाघ भारतीय उपमहाद्वीप, सुमात्रा, साइबेरियाई समशीतोष्ण जंगलों से लेकर उष्णकटिबंधीय और और उपोष्णकटिबंधीय जंगलों तक पाए जाते हैं।
◾क्रमागत रूप से बाघों की आठ उप-प्रजातियों को मान्यता दी गई है,इनमे से 3 विलुप्त हो चुकी है ।
बाघ के बारे में सम्पूर्ण जानकारी
◾बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है।
◾यह भारत में मुख्यरूप से पश्चिम बंगाल, सुंदरवन, असम, त्रिपुरा और मध्य भारत के घने जंगल में पाया जाता है।
◾बाघ रात में इंसानों से छह गुना बेहतर देख सकते हैं। इनकी आंखें घरेलू बिल्ली के समान होती हैं।
◾ यह दिन में सोते है और रात में अपने शिकार के लिए जागते है। इसमें सूंघने की अकल्पनीय क्षमता होती है जिसकी मदद से यह आसानी से शिकार कर सकता है।
◾बड़ा और मजबूत शरीर होने के बावजूद भी ये पेड़ों पर चढ़ सकते है। इनके फोरलेम्स बहुत मजबूत होने की वजह से ये तेज दौड़ते है ।
◾बाघ नम गीले,और गर्म जंगलों के साथ-साथ बर्फ के ठंडे स्थानों में भी रहता है।
◾बाघ के बच्चे को शावक और मादा बाघ को बाघिन कहा जाता है।
◾बाघ की सबसे बड़ी उप-प्रजाति साइबेरियाई बाघ है जो रूस में पाई जाती है।
◾भारत व बांग्लादेश के सुंदरबन में पाये जाने वाले बाघ मैंग्रोव वनों में रहने वाले विश्व के एकमात्र बाघ हैं।
◾बाघ की हड्डियों का उपयोग जोड़ों के दर्द, , कमर व पीठ-दर्द, गठियावात और मांसपेशियों की खिंचाव को ठीक करने के लिए किया जाता है।
◾अप्रैल 1973 में बाघ को भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया था और बाघों के संरक्षण के लिए वर्ष 1973 में ही ‘बाघ परियोजना’ को प्रारम्भ किया गया था।
अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारियां
▪️ भारत का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व नागार्जुनसागर श्रीशैलम टाइगर रिजर्व, आंध्र प्रदेश है जबकि सबसे छोटा महाराष्ट्र में बोर टाइगर रिजर्व है।
▪️ भारत वैश्विक बाघों की आबादी का 70% से अधिक का घर है।
▪️ बाघ जनगणना (2018) के अनुसार (हर चार साल में एक बार आयोजित होती है), भारत में बाघों की आबादी 2,967 है।
बाघों की सबसे अधिक संख्या
1..मध्य प्रदेश में (526)
2.. कर्नाटक ( 524)
3.. उत्तराखंड का (442)
▪️ तीन टाइगर रिजर्व पलामू (झारखंड) बुक्सा (पश्चिम बंगाल), डंपा (मिजोरम) में बाघों की कोई उपस्थिति दर्ज नहीं की गई है।
• M-STHIPES का प्रयोग बाघ गणना के लिए किया गया था।
• ‘पूनम अवलोकन की तकनीक बाघों को गिनने का एक तरीका है। World प्रोजेक्ट टाइगर 1973 में शुरू किया गया था ।
• राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) एक वैधानिक निकाय है और 2005 में टाइगर टास्क फोर्स की सिफारिशों के बाद स्थापित किया गया था।
• CATS मापदंड का एक समूह है जो बाघ स्थलों को यह जांचने की अनुमति देता है कि क्या उनके प्रबंधन से बाघ संरक्षण सफल होगा।