वन स्थिति रिपोर्ट- 2021 भारत के लिए महत्वपूर्ण
संदर्भ-
हाल ही में, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 17वीं ‘भारत वन स्थिति रिपोर्ट- 2021’ जारी की है।
भारत वन स्थिति रिपोर्ट-
● भारतीय वन सर्वेक्षण विभाग देश में वन तथा वृक्ष आवरण की निगरानी करता है तथा इनके मूल्यांकन के आधार पर द्वि- वार्षिक आधार पर रिपोर्ट प्रकाशित करता है।
• पहली भारत वन स्थिति रिपोर्ट वर्ष 1987 में जारी की गई थी।
भारत वन स्थिति रिपोर्ट, 2021-
• नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, देश का कुल वन और वृक्ष आवरण 80.9 मिलियन हेक्टेयर है। यह देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 24.62 प्रतिशत है। इसमें वनावरण क्षेत्र 21.71 प्रतिशत, जबकि वृक्षावरण क्षेत्र लगभग 2.91 प्रतिशत है।
• देश के कुल वन और वृक्षावरण में वर्ष 2019 की तुलना में 2,261 वर्ग किमी. की वृद्धि दर्ज की गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, 17 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों का भौगोलिक क्षेत्र 33 प्रतिशत से अधिक वन आच्छादित है।
• लक्षद्वीप, मिज़ोरम, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, अरुणाचल प्रदेश तथा मेघालय में 75 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र वनाच्छादित है।
🛑 सर्वाधिक वनावरण वाले राज्य
(क्षेत्रफल के आधार पर )
मध्य प्रदेश > अरुणाचल प्रदेश > छत्तीसगढ़
🛑न्यूनतम वनावरण वाले राज्य
(क्षेत्रफल के आधार पर)
हरियाणा < पंजाब < गोवा 🛑वनावरण में सर्वाधिक वृद्धि (क्षेत्रफल के आधार पर) आंध्र प्रदेश > तेलंगाना > ओडिशा
🛑वनावरण में सर्वाधिक कमी
(क्षेत्रफल के आधार पर)
अरुणाचल प्रदेश < मणिपुर < नगालैंड 🛑सर्वाधिक वनाच्छादन वाले राज्य (भौगौलिक क्षेत्र के प्रतिशत के रूप में) मिज़ोरम > अरुणाचल प्रदेश > मेघालय
मैंग्रोव वन की स्थिति-
नवीनतम आकलन के अनुसार, देश में कुल मैंग्रोव आच्छादन 4,992 वर्ग किमी. है। वर्ष 2019 के पिछले आकलन की तुलना में मैंग्रोव आच्छादन में 17 वर्ग किमी की वृद्धि दर्ज की गई है।
🛑सर्वाधिक मैंग्रोव आच्छादन वाले राज्य (क्षेत्रफल के आधार पर )
पश्चिम बंगाल > गुजरात> आंध्र प्रदेश
🛑 न्यूनतम मैंग्रोव आच्छादन वाले राज्य (क्षेत्रफल के आधार पर )
केरल < कर्नाटक < गोवा 🛑मैंग्रोव आच्छादन में सर्वाधिक |वृद्धि दर्शाने वाले राज्य (क्षेत्रफल के आधार पर ) ओडिशा > महाराष्ट्र > कर्नाटक
🛑मैंग्रोव आच्छादन में सर्वाधिक | कमी दर्शाने वाला राज्य (क्षेत्रफल के आधार पर)
गुजरात
बाँस वन क्षेत्र-
• पिछली रिपोर्ट की तुलना में वर्ष 2021 में बाँस वन क्षेत्र में 1.06 मिलियन हैक्टेयर की कमी आई है।
• सर्वाधिक बाँस वन क्षेत्र वाले राज्य क्रमश: मध्य प्रदेश (1.84 मिलियन हैक्टेयर), अरुणाचल प्रदेश (1.57 मिलियन हैक्टेयर), महाराष्ट्र (1.35 मिलियन हैक्टेयर) तथा ओडिशा (1.12 मिलियन हैक्टेयर) हैं।
• बाँस वन क्षेत्र में सर्वाधिक वृद्धि दर्शाने वाले राज्य क्रमशः मिज़ोरम (1,085 वर्ग किमी.) तथा अरुणाचल प्रदेश (758 वर्ग किमी.) हैं।
• बाँस वन क्षेत्र में सर्वाधिक कमी क्रमश: मध्य प्रदेश (2,473 वर्ग किमी.) तथा महाराष्ट्र (1,882 वर्ग किमी.) में दर्ज की गई है।
कार्बन स्टॉक-
कार्बन स्टॉक क्या होता है ।
वन क्षेत्र बड़ी मात्रा में वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड का अवशोषण करते हैं। अतः वन में कार्बनिक या अकार्बनिक रूप में जो कार्बन मौजूद होता है, उसे कार्बन स्टॉक कहते हैं। जलवायु परिवर्तन तथा वैश्विक तापन को कम करने में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
कॉर्बन स्टॉक–देश के वनों में वर्ष 2019 के अंतिम आकलन की तुलना में कुल कार्बन स्टॉक में 79.4 मिलियन टन की वृद्धि हुई है। वर्तमान में कार्बन स्टॉक 7,204 मिलियन टन अनुमानित है।
रिपोर्ट में अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य-
• रिपोर्ट में बाघ संरक्षित क्षेत्रों एवं गलियारों तथा एशियाई शेर के निवास गिर वन में भी वनावरण का मूल्यांकन किया गया है।
•बाघ गलियारों के वनावरण में 37.15 वर्ग किमी. की दशकीय वृद्धि हुई है, लेकिन इस दौरान बाघ अभयारण्यों के वन क्षेत्र में 22.6 वर्ग किमी. की कमी आई है।
•पिछले 10 वर्षों के दौरान 20 बाघ संरक्षित वन क्षेत्रों में वृद्धि हुई, जबकि 32 संरक्षित क्षेत्रों में कमी आई है।
•बुक्सा, अन्नामलाई तथा इंद्रावती बाघ संरक्षित क्षेत्रों में वनावरण में वृद्धि हुई है, जबकि सर्वाधिक वन क्षेत्र का ह्रास कवल, भद्रा तथा सुंदरवन संरक्षित क्षेत्रों में दर्ज किया गया है।
• सर्वाधिक वनावरण (97%) पक्के बाघ संरक्षित क्षेत्र में है। नवीनतम रिपोर्ट में वनावरण में दशकीय वृद्धि से संबंधित अध्याय को भी शामिल किया गया है।
•वनावरण में वृद्धि सभी प्रकार के वनों के लिये भिन्न-भिन्न है। अत्यधिक घने क्षेत्रों में सर्वाधिक वृद्धि हुई है।
📒📒📒📒📒📒📒📒📒