राज्य सरकार छत्तीसगढ़ को भारत का मिलेट हब बनाना चाहती है। छत्तीसगढ़ की सरकार अपने राज्य में हो रहे लघु धान्य फसलों की बढ़ोतरी पूर्ण रूप से कराना चाहती है।
प्रदेश में 01 दिसंबर 2021 से मिलेट मिशन शुरू किया गया है , जिसका प्रमुख उद्देश्य प्रदेश में कोदो, कुटकी, रागी, ज्वार इत्यादि की खेती को बढ़ावा देना, तथा दैनिक आहार में मिलेट्स के उपयोग को प्रोत्साहित कर कुपोषण दूर करना है। इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के माध्यम से प्रदेश में कोदो, कुटकी एंव रागी का न्यूनतम क्रय मूल्य निर्धारित करते हुए उपार्जन किया जा रहा है।

हाल ही में छत्तीसगढ़ में मिलेट्स मिशन की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सराहना करते हुए रायपुर में मिलेट्स कैफे खोलने की सलाह दी थीं।

मीड डे मील और आंगनबाड़ी में शामिल हुए मिलेट्स व्यंजन

छत्तीसगढ़ में मिलेट के प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए
स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण केन्द्र स्थापित किये गए हैं।कांकेर में एशिया की सबसे बड़ी मिलेट्स प्रसंस्करण इकाई है।
यहाँ 5,000 टन क्षमता के मिलेट प्रसंस्करण केन्द्र निजी क्षेत्र में स्थापित किया गया है, प्रदेश में आंगनबाड़ी और मिड डे मील में भी मिलेट्स को शामिल किया गया है। स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील में मिलेट्स से बनने वाले व्यंजन परोसे जा रहे है। इनमें मिलेट्स से बनी कुकीज, लड्डू और सोया चिक्की जैसे व्यंजन शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ के सभी विधायक ले चुके मिलेट्स व्यंजनों का स्वाद

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सभी विधायकों को अपने आवास में मिलेट्स से बने व्यंजनों के साथ लंच कराया। स्टार्टर में रागी का सूप, रागी के पकोड़े, कोदो भजिये, बाजरा और गुड़ के पुये, कुटकी के फरे और चीले शामिल किये गये थे। साथ ही मेन कोर्स में बाजरे की कढ़ी, लाल भाजी, जिमी कांदा, कोदो वेज पुलाव, ज्वार, बाजरा, रागी की रोटी और पराठे का सभी ने स्वाद लिया। डेजर्ट में रागी, कुटकी कप केक, रागी हलवा के साथ कोदो की ड्राई फ्रूट्स खीर का लुत्फ उठाया।

मिलेट्स की खेती पर मिला पोषक अनाज अवार्ड

छत्तीसगढ़ की सरकार ने कोदो,कुटकी और रागी जैसे पोषक फसलों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे में स्थान दिया है। मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने के मामले में छत्तीसगढ़ राज्य को राष्ट्रीय स्तर का पोषक अनाज अवार्ड 2022 सम्मान भी मिल चुका है। मिलेट्स उत्पादक कृषकों को प्रोत्साहन स्वरूप प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रूपए की आदान सहायता भी दी जा रही है।

उत्पादकता दोगुना करने का लक्ष्य भी

◾छत्तीसगढ़ लघु वनोपज सहकारी संघ के वन-धन की सहायता से लघु धान्य फसलों की खरीदी की जाएगी।

◾राज्य सरकार ने तय किया है कि लघु धन्य फसलों का उपयोग पब्लिक डिसटीब्यूशन सिस्टम्स, मिड डे मील एवं अन्य पोषण और अनाज प्रदान करने वाले कार्यक्रमों जैसी योजनाओं में होगा।

◾प्रदेश में कोदो, कुटकी और रागी की खेती को विस्तारित किया जा रहा है। इसके चलते राज्य में इसकी खेती का रकबा 69 हजार हेक्टेयर से बढ़कर एक लाख 88 हजार हेक्टेयर तक पहुंच गया है।

◾ मिलेट की खेती को प्रोत्साहन करने, किसानों को प्रशिक्षण देने, उच्च क्वालिटी के बीज की उपलब्धता तथा उत्पादकता में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए राज्य में मिलेट मिशन संचालित है।

◾ 14 जिलों ने आईआईएमआर हैदराबाद के साथ छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रयास से मिलेट मिशन के अंतर्गत त्रिपक्षीय एमओयू भी हो चुका है।

◾छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के तहत मिलेट की उत्पादकता को प्रति एकड़ 4.5 क्विंटल से बढ़ाकर 9 क्विंटल यानि दोगुना किए जाने का भी लक्ष्य रखा गया है।

◾मिलेट मिशन के लघु धान्य फसलों की बढ़ोतरी करने के लक्ष्य की वजह से राज्य में रोजगार भी बढ़ेगा।
इस मिशन के अंतर्गत सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं को भी रोजगार दिया जा रहा है।

 

By Amit Pandey

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