नारंगी रंग का चमगादड़
चर्चा में क्यों ??
छत्तीसगढ़ के बस्तर में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के पराली बोडल गाँव में केले के बागान में एक दुर्लभ नारंगी रंग का चमगादड़’ देखा गया, जिसे ‘पेंटेड बैट’ के नाम से भी जाना जाता है।
मुख्य बिंदु
◾भारत में यह पश्चिमी घाट, केरल, महाराष्ट्र एवं ओडिशा और अब छत्तीसगढ़ में देखा जा चुका है।
◾इस प्रजाति के चमगादड़ की काले और नारंगी रंग के पंख एवं उंगलियाँ होती हैं।
◾ ये अक्सर असामान्य रोस्टिंग साइट्स जैसे- बुनकर फिंच और सनबर्ड्स, केले के पत्तों के घोंसले बनाते है, इन चमगादड़ों को जोड़े में बसेरा करने के लिये जाना जाता है ।
◾ चमगादड़ों की इस प्रजाति को वैश्विक स्तर पर विलुप्तप्राय की श्रेणी में रखा गया है।
◾भारत में यह दुर्लभ चमगादड़ मात्र 7-8 बार ही देखा गया है।
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कोड-ए-थान ओलंपियाड
चर्चा में क्यों?
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि राज्य के सरकारी स्कूलों के छात्रों को कोडिंग के प्रति उत्साहित करने के लिये छत्तीसगढ़ शासन, हिन्दुस्तान टाइम्स के साथ मिलकर कोडिंग ओलंपियाड का आयोजन कर रहा है।
प्रमुख बिंदु
◾ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि तकनीक के महत्त्व और भविष्य में इसकी अनिवार्य आवश्यकता को देखते हुए छोटी कक्षाओं से ही छात्र कोडिंग के प्रति आकर्षित और इसमें महारत हासिल करते रहे हैं। कोडिंग को भविष्य की भाषा भी कहा जाता है।
◾ उन्होंने बताया कि इस ओलंपियाड को भारत के बड़े कोडिंग ओलंपियाड्स में से एक माना जाता है। गेटिंग फ्यूचर रेडी की थीम पर कोडिंग ओलंपियाड में स्कूली छात्रों को सीखने (लन), शामिल होने ( पार्टिसिपेट) और जीतने (विन) के मंत्र के साथ सरकारी स्कूलों के 5000 छात्रों को कोडिंग सिखाया जा रहा है।
◾ इस कोडिंग ओलिंपियाड में शामिल होने वाले छात्रों के लिये रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 5 फरवरी 2023 है। ओलंपियाड में हिस्सा लेने के लिये छात्र htcodeathon.com वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
◾23 फरवरी को छात्रों का क्वालिफायर राउंड और 23 फरवरी को ही छात्रों का फिनाले आयोजित होगा।
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धरमजयगढ़ क्षेत्र की पहाड़ी में मिला शैलचित्र
चर्चा में क्यों?
हाल ही में छत्तीसगढ़ में गुफा अन्वेषण और शैलचित्र खोज के लिये विख्यात प्रो. डी. एस. मालिया को रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ में 200 फुट की ऊँचाई पर स्थित शैलाश्रय में प्रागैतिहासिककालीन शैलचित्र प्राप्त हुए हैं।
प्रमुख बिंदु
◾ प्रो. डी. एस. मालिया के द्वारा जारी सघन गुफा खोज अभियान में ये शैलचित्र प्राप्त हुए। प्रो. मालिया ने कहा कि गुफा अन्वेषण अभियान अभी जारी है, अभियान पूर्ण होने पर विस्तृत जानकारी साझा किया जाएगा।
◾ गौरतलब है कि रायगढ़ जिले में अभी तक कबरा पहाड़ सिंघनपुर, ओंगना व उषाकोठी, बाँसाझार, बोतल्दा सहित कुछ अन्य स्थानों से शैलचित्र प्राप्त हुए हैं जो राज्य संस्कृति एवं पुरातत्त्व विभाग द्वारा चिन्हांकित हैं।
◾ प्रो. डी. एस. मालिया द्वारा 1994 से गुफा अन्वेषण अभियान चलाया जा रहा है और 16 अन्य स्थलो पर प्रागैतिहासिककालीन शैलचित्र की खोज की गई है जिसमें 2003 में शोखामुड़ा की पंचभया पहाड़ी श्रृंखला से प्राप्त वंदनखोह गुफा के शैलचित्र सबसे महत्त्वपूर्ण है जिसे राज्य संस्कृति विभाग के तत्कालीन उप संचालक डॉ. जी एल बादाम ने नवीन खोज करार दिया था।