आत्मनिर्भर भारत की दिशा में सरकार द्वारा अनेक योजनाएँ चलाई जा रही हैं। भारत जैसे कृषिप्रधान देश में खेती, मत्स्य पालन के लिए भी विशेष रूप से योजनाएँ लागू की गई हैं। मत्स्य पालकों को आत्मनिर्भरता की तरफ अग्रसर करने हेतु सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना चलाई जा रही है। इसमें आर्थिक सहायता के साथ साथ निशुल्क प्रशिक्षण का भी प्रावधान है। सबसे पहले यह योजना उत्तर प्रदेश में लागू की गई।

क्या है यह योजना?

मत्स्य पालन से सम्बंधित कोई व्यवसाय मात्र धन के अभाव में आप शुरू करनें में असमर्थ है, तो आपको सरकार द्वारा मदद मिल सकती है। सरकार मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है। अपनी जमीन को तालाब में परिवर्तित कर मत्स्य पालन करना हो तो इसके लिए भी सरकार सब्सिडी देती है। विशेषज्ञ के अनुसार लगभग 1 हेक्टेयर तालाब के निर्माण में लगभग 5 लाख रुपये का खर्च आता है, जिसमें से कुल राशि का 50 प्रतिशत केंद्र सरकार, 25 प्रतिशत राज्य सरकार अनुदान देती है और शेष 25 प्रतिशत मछली पालक को देना होता है। पहले से बने तालाब में यदि तालाब मत्स्य पालन के लिए उसमें सुधार की आवश्यकता है, तो ऐसे तालाबों के लिए भी सरकार खर्च के हिसाब से केंद्र और राज्य सरकार अनुदान देती है, जिसमें से 25 फीसदी मछली पालक को देना होता है।

कैसे और कौन कर सकता है आवेदन?

कोई भी मत्स्य पालक, मछली बेचने वाले, स्वयं सहायता समूह, मत्स्य उद्यमी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाएं, निजी फर्म, फिश फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन / कंपनीज आदि लोन हेतु आवेदन कर सकते है। इस हेतु लोन लेने के लिए आपको किसी विशेष पात्रता की आवश्यकता नहीं है। मत्स्य पालन व्यवसाय से पहले आपको मत्स्य विभाग द्वारा दिए जाने प्रशिक्षण को प्राप्त करना आवश्यक है और प्रशिक्षण के दौरान 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से प्रशिक्षण भत्ता भी मिलता है।

ऑनलाइन आवेदन

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा इस योजना को ‘नीली क्रांति’ का नाम दिया है। इस स्कीम के अंतर्गत जलीय कृषि करनें वाले किसानों को बैंक ऋण, बीमा आदि अनेक प्रकार की सुविधाएँ मिल रही हैं। यदि आप भी इस योजना का लाभ प्राप्त करना चाहते है, तो प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, (PMMSY) के अन्तर्गत ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

उत्तर प्रदेश से शुरू की गई यह योजना देश के कई राज्यों में लागू हो चुकी है और मत्स्य पालकों का सहयोग कर रही है। पीएमएमएसवाई ने 2024-25 के अंत तक 68 लाख रोजगार सृजन की परिकल्पना की है।

By Amit Pandey

पंडित जी पिछले 13 सालों से प्रतियोगीं परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रो का निःशुल्क मार्गदर्शन कर रहें है अपना अनुभव युवाओं को साझा कर उन्हें शासकीय सेवा में जाने के लिए प्रेरित करते है उनके मार्गदर्शन में सैकडो छात्र सीजीपीएससी , व्यापम, रेलवें आदि परीक्षाओं में चयनित हो चुके है l

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