चर्चा में--वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023 का बजट पेश किया । यह उनका पाँचवा बजट है ।बजट से किस वर्ग को राहत मिला और किसे नही आइए जानते है ।
सार–लोकसभा में बुधवार की वित्तवर्ष 2023-24 का प्रस्तावित बजट पेश कर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मध्यमवर्ग के करदाताओं की पहली बार काफी राहत दी है। इसमें नौकरी पेशा लोगों को विशेष लाभ मिलेगा। बजट में किसानों, गरीबों, युवाओं, महिलाओं व लघु उद्योगों को राहत प्रदान की गई है । बजट में चांदी के गहनों व बर्तनों के साथ-साथ सिगरेट व विदेशी किचन चिमनी के महंगे होने का संकेत दिया है। लेकिन इलेक्ट्रिक कोकल मोबाइल फोन, खिलौना, साइकिल, टीवी व कैमरे के लेंस को सस्ता किया गया है।
पिछले कुछ सालों से रेलवे का अलग बजट नहीं आता है, लेकिन आम बजट में ही रेलवे बजट को शामिल कर दिया गया है। इस बार बजट में रेलवे को 2.4 लाख करोड़ रुपए खर्च के लिए आवंटित किए गए हैं। यह रेलवे कार्यों के व्यापक सुधार व विकास को रेखांकित करता है। बजट में इस बार इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में दस लाख करोड़ की राशि आबंटित की गई है। इससे रियल एस्टेट को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और विकास की गति मिलेगी। गरीबें के लिए घर बनाने के लिए 99 हजार करोड़ रुपए का फंड आवंटित किया है।
बजट की घोषणाओं से औद्योगिक वर्ग से लेकर हर वर्ग संतुष्ट है और शेयर मार्केट में उछाल इसका एक प्रमाण माना जा सकता है। बजट में कुछ लोकलुभावन घोषणाएं हुई हैं, जिससे यह माना जा सकता है कि यह बजट 2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर भी तैयार किया गया है। लेकिन विकास को भी बढ़ावा देने वाला बजट इसे कहा जा सकता है। बजट से एक दिन पहले घोषित आर्थिक सर्वेक्षण में चालू वित्त वर्ष में विकास दर साढ़े छह फीसदी तक रहने का अनुमान जताया गया है।
इस बात को विश्व की अन्य वित्तीय एजेंसियां भी स्वीकार करती हैं। लेकिन GDP बढ़ने के साथ ही रोजगार के अवसर नहीं बढ़ पा रहे हैं। विगत कोरोना काल से लेकर अब तक देश की अर्थव्यवस्था अपेक्षित रूप में पटरी पर नहीं लौट पाई है। बजट में अर्थव्यवस्था को पटरी पर आने के लिए कुछ आवश्यक कदम उठाए गए हैं। लेकिन महंगाई पर नियंत्रण और रोजगार के अवसर बढ़ाने के अपेक्षित संकेत नहीं मिल रहे हैं। हालांकि खुदरा महंगाई में सुधार के आंकड़े जरूर मिले है, लेकिन आटा, दूध, पेट्रोल, डीजल तथा रसोई गैस के दाम से बने हुए है। बजट को भले ही राहतकारी व विकास वाला चढ़ाया जा रहा हो, लेकिन अगर महंगाई, बेरोजगारी जैसी समस्याओं का जल्द उपचार न हो पाए तो ऐसा विकास किस काम का ?
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