मानसून क्या है और कैसे आता है ।

दोस्तों हर साल हम को monsoon का बेसब्री से इंतजार रहता है क्योंकि गर्मी के बाद बारिश का अलग ही मज़ा है । मगर क्या आप जानते हैं कि मॉनसून सिर्फ भारत और उससे सटे एक दो देशों में ही आता है? बाकी दुनिया के किसी और देश में नहीं आता और दूसरे देशों में बारिश का पैटर्न अलग होता है ।

मगर भारत में बारिश का सीज़न मॉनसूनी हवाओं की वजह से आता है तो दोस्तों आज इस लेख में हम मानसून क्या होता है, कैसे आता है और कैसे इसकी वजह से इतनी बारिश होती है? जानेंगे ।

बारिश के आने को मॉनसून आना नहीं कहा जाता मॉनसून एक प्रकार की हवा होती है जिसकी वजह से बारिश आती है ना की बारिश आने को मानसून कहा जाता है । सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि हवा (air ) और विंड (wind) में क्या अंतर होता है? हमारे वातावरण में जो गैसेस है, जैसे 78% नाइट्रोजन 21% ऑक्सीजन और 1% अन्य गैस ।

इन सब गैस के मिश्रण को ही हवा( air) कहते हैं और जब यह हवा (air) मूव करती है तो इसे विंड (wind) कहते हैं एयर मूव क्यों होती है प्रेसर डिफ़रेंस की वजह से । जब दो जगह के एयर प्रेशर में डिफरेंस होता है तो एयर हाई प्रेशर वाली जगह से लो प्रेशर वाली जगह की तरफ मूव करने लगती है जिसे हम विंड कहते हैं ।

डायरेक्शन के आधार पर विंड
सामान्यतः दो प्रकार की होती है ईस्टर्ली और वेस्टली
मतलब पुरवाई और पछुवा पवन ।

जो पूर्व से चलती है वो पुरवाई और जो पश्चिम से चलती है वो पछुआ या वेस्टर्न विल कहलाती है । मई और जून के महीने में सूरज अपने चरम पर होता है, जिसकी वजह से हिंद महासागर और अरब सागर का पानी इवेपोरेट होकर जलवाष्प में बदलने लगता है गर्मियों के दिनों में समुद्र के ऊपर एयर प्रेशर हाई होता है और जमीन (लैन्ड) के ऊपर एयर प्रेशर लो होता है ।

इसी वजह से एयर समुद्र से इंडिया की तरफ मूव करने लगती हैं।क्योंकि विंड हमेशा हाई प्रेशर से लो प्रेशर की तरह फ्लो करती है इस एयर पार्सल में बहुत ज्यादा मात्रा में जलवाष्प होती है जो कि सूरज की तेज गर्मी से पानी इवेपोरेट होने के कारण बनी थी यही जलवाष्प कंडेश होकर बारिश के रूप में नीचे गिरने लगती है।

जलवाष्प से भरी इन हवाओं को ही मानसून कहा जाता है और इस पैटर्न को साउथ वेस्ट मॉनसून या समर मानसून कहा जाता है क्योंकि ये विंड साउथ वेल्स डायरेक्शन से चलती है यानी हिंद महासागर अरब सागर की तरफ से चलती है यही कारण है कि मॉनसून सबसे पहले केरल में आता है ये मॉनसूनी हवाएं पूरे भारत में और पाकिस्तान, बांग्लादेश में भी बारिश करती
है ।

महाराष्ट्र से केरल तक वेस्टर्न घाट्स के कम उचाई के पर्वतों द्वारा ये जलवाष्प पर से लगी हुई मॉनसूनी हवाएं रोक ली जाती है और वेस्टर्न घाट पर बहुत ज्यादा बारिश करती है यही कारण है कि मुंबई में इतनी ज्यादा बारिश होती है और जो हवाएं वेस्टर्न घाट को पार कर के ऊपर से निकल जाती है

वो बाकी पूरे देश में बारिश करती है इन मानसूनी हवाओ के भारत पहुंचते- पहुंचते जुलाई का महिना आ जाता है ।विंटर्स में इसका जस्ट रिवर्स हो जाता है लैन्ड एरिया पर एयर प्रेशर ज्यादा होता है और समुद्र के ऊपर एयर प्रेशर कम होता है

इसलिए विंड लैंड से समुद्र की तरफ चलती है, जिसे विंटर मानसून या नॉर्थ ईस्ट मॉनसून कहा जाता है विंटर में सूरज की धूप बहुत कम होती है और लैंड पर पानी के सोर्स भी बहुत कम है इसलिए पानी इवेपोरेट नहीं हो पाता और एयर में वॉटरवेपर्स ना के बराबर होती है इसलिए विंटर मॉनसून बारिश नहीं करता।

मॉनसून शब्द बना है अरबी भाषा के साथ मौसीम से जिसका मतलब होता है मौसम सीज़न मानसून एक लोकल इवेंट है, जिसमें विंड का सीजनल रिवर्सल होता है मीन्स वर्ष में हवाएं समुद्र से लैंड की ओर और विंटर्स में लैंड से समुद्र की ओर चलती हैं ।

सीजनल रिवर्सल ऑफ विंड मॉनसून आने की
ट्रेडिशनल थेओरी है मॉडर्न थ्योरी में मॉनसून का एक्सप्लेनेशन आइटीसी यानी इनटर ट्रॉपिकल कन्वर्जन्स के बेसिस पर दिया जाता है

By Amit Pandey

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