हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट में क्या अंतर है? इससे कैसे बचे..

हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट दोनों अलग चीज है ।अमूमन लोग दोनों को एक समझ लेते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएँगे कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के बीच का मुख्य अंतर.

जब किसी व्यक्ति के दिल की धड़कन रुक जाती है और यह शरीर के बाकी भागो या हिस्सों तक ब्लड की आपूर्ति नहीं कर पाता है, तो उस स्थिति को कार्डियक अरेस्ट कहा जाता है.

जब किसी व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट आता है तो वह चंद सेकंडो में ही बेहोश या बेसुध हो जाता है. इस स्थिति में अगर तुरंत इलाज न मिले तो इंसान की मौत लगभग तय है ।
कार्डियक अरेस्ट सबसे ज्यादा खतरनाक है क्योंकि इसमे रोगी को संकेत नही मिलता । यह कभी भी किसी को भी हो सकता है. इसके अलावा अगर किसी इंसान की हृदय कि मांसपेशियां कमजोर गई हैं तो इस वजह से भी कार्डियक अरेस्ट आ सकता है.
हार्ट अटैक कार्डियक अरेस्ट से काफी अलग है और कही न कही ये कम खतरनाक है अपेक्षा कार्डियक अरेस्ट ।
जब किसी व्यक्ति के हृदय तक ब्लड पहुंचाने वाली धमनियों में कोई रुकावट आती है या धमनियां शत प्रतिशत अवरुद्ध (ब्लॉक)हो जाती हैं,उस स्थिति में किसी को हार्ट अटैक आता है.

हार्ट स्पेसलिस्ट डॉक्टरो के अनुसार अटैक के आने से ठीक पहले कई तरह के लक्षण नजर आते हैं. इनमें मुख्य रूप से सीने में दर्द या सीने में भारीपन का अहसास होना। इसके अलावा पसीना आना, सांस फूलना, उल्टी होना भी आम लक्षण हैं. यह लक्षण रोगी को कुछ घंटे या महीनो पहले सामने आते हैं ।
अटैक आने की वजह आपकी खराब लाइफस्टाइल, धूम्रपान ज्यादा तनाव हो सकता है.इनमे से कोई भी लक्षण होने से आप आप स्वयं ही हार्ट अटैक को न्योता देते है ।
इससे बचने के लिए नियमित खानपान या पर्याप्त नींद लेना चाहिए प्रतिदिन एक्सरसाइज, योगा करना चाहिए .ज्यादा मसालेदार व तेल वाला भोजन से परहेज करना चाहिए तनाव से बचना चाहिए ।।

By Amit Pandey

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