इन्फ्लूएंजा का फैलाव
अ हुआ है कि देश के विभिन्न भागों में अब
भी कोरोना वायरस पूरी तरह से खत्म भी नहीं इन्फ्लूएंजा नामक नया वायरस अपना दायरा बढ़ाता ही जा रहा है। वायरस की वजह मौसम मैं अचानक होने वाले बदलाव को माना जा रहा है। इस वायरस से लोगों को खांसी, बुखार, गलेमें चुभन, ब्रॉन्काइटिस जैसी फेफड़ों से जुड़ी तकलीफें हो रही हैं, जो कोरोना वायरस से मिलती-जुलती ही है। वैसे तो यह वायरस दो-तीन दिन में खत्म हो जाता है, लेकिन यदि कई हफ्तों तक प्रभाव रहता है तो फिर कारगर इलाज की जरूरत पड़ जाती है। इस वायरस की पहचान एच3 एन2 के रूप में की गई है और अस्पतालों में इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। केन्द्रीय स्वास्थ्य विभाग ने राज्यों को सतर्कता बरतने को कहा गया है और लोगों से कोविड की तरह ही सावधानियां बरतने को कहा जा रहा, जिसमें मास्क के प्रयोग पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। भारत जैसे सघन आबादी वाले देश मैं इसके प्रसार का जोखिम लगातार बना रहता है और इसमें सावधानी ही कारगर उपाय कहा जा सकता है। इस वायरस से दो लोगों की मौत की खबर भी है, लेकिन चिकित्सा विशेषज्ञ इस वायरस को ज्यादा घातक नहीं मान रहे हैं, लेकिन स्वच्छता के उपाय तथा खान-पान की सजगता को मददगार मान रहे हैं। बहरहाल, लोगों में भय असुरक्षा फैलने से रोकने के लिए समय रहते बचाव की तैयारी होनी चाहिए। दरअसल, इन्फ्लूएंजा-ए-वायरस के एच एन2 सब-टाइप के लगातार बढ़ते मामलों ने इसलिए चिंता बढ़ाई है क्योंकि इसके अधिकांश लक्षण कोविङ 19 जैसे हैं और जांच के दौरान कोविड वायरस का संक्रमण होना भी पाया जा रहा है। एच3 एन2 वायरस कमजोर इम्यूनिटी वालों पर जल्दी प्रभाव डालता है। कई राज्यों में बुजुर्ग व बच्चे ज्यादा प्रभावित होते सामने आ रहे हैं। आईएमए ने वायरस के लक्षण सामने आते ही डॉक्टर से सलाह लेकर इलाज कराने की हिदायत दी है तथा एंटीबायटिक दवाओं से परहेज की बात कही है। सांस लेने में तकलीफ होने व ऑक्सीजन से परेशान लेवल 95 से कम होने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करने की सलाह दी गई है। कोरोना के समय भी यही हुआ, जब वायरस ने दूसरे दौर में अपना रूप बदला तो काफी लोगों ने उसका प्रकोप फैलना मुश्किल हो गया था। इसलिए इन्फ्लूएंजा के वायरस को हल्के में लेने की जरूरत नहीं है। लोगों से हमेशा अपने स्वास्थ्य के प्रति हर वक्त सावधान रहने की उम्मीद की जाती है। सरकारों को भी स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं को बेहतर बनाने के प्रयास करने चाहिए ताकि लोगों को आसानी से इलाज मिल सके।