“कौन कहता है आसमा में सुराख नही होता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो”
इस पंक्ति को चरितार्थ कर दिखाया है कर्नाटक की अपर्णा रमेश की, जिन्होंने फुल टाइम जॉब करते हुए यूपीएससी की परीक्षा पास की.
अपर्णा रमेश के बताया, उनके लिए अपनी नौकरी और शिक्षा में संतुलन बनाना आसान नहीं था.कई चुनौतियां थी जिसमे टाइम मैनेजमेंट एक चुनौती थी. अपर्णा ने कहा कि नौकरी के बाद उनके पास बहुत कम समय बचता था, इसलिए उन्होंने परीक्षा के लिए प्रासंगिक विषयों का अध्ययन किया. साथ ही उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा के बड़े सिलेबस से खुद को विचलित नहीं होने दिया. उसका मुख्य लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा पढ़ाई कIAS Story: फुल टाइम जॉब के साथ अख़बार पढ़ नोट्स बनाएं और बन गईं आईएएस, पढ़िए पूरी कहानीरना और सिलेबस पूर्ण करना था .
अपर्णा ऑफिस टाइम से पहले सुबह 4 से 8 बजे तक पढ़ाई करती थीं. इसके बाद वह ऑफिस निकल जाती. ऑफिस से घर लौटने के बाद भी वह दो से तीन घंटे पढ़ाई करती थीं. वह छुट्टी के दिन 8 से 9 घंटे पढ़ाई करती थीं. हालांकि, उन्हें पहली बार में सफलता नहीं मिली लेकिन दूसरी बार में उन्होंने सफलता हासिल किया. 2020 की सिविल सेवा परीक्षा उनका आखिरी प्रयास था और अगर उन्होंने परीक्षा पास नहीं की होती, तो वह एक आर्किटेक्ट कम अर्बन प्लानर के रूप में काम करतीं.
इतिहास, भूगोल, विज्ञान और अर्थशास्त्र के लिए अपर्णा ने ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा की एनसीईआरटी की किताबों से ही पढ़ाई की. राजनीति के लिए, उन्होंने एम. लक्ष्मीकांत की किताबें पढ़ीं और करंट अफेयर्स के लिए, उन्होंने विज़नआईएएस नोट्स पढ़े और रोजाना न्यूज पेपर और संपादकीय पढ़ती. वह वर्तमान कि घटनाओं पर नजर रखने के लिए टीवी देखते हुए या अखबार पढ़ते हुए रोजाना नोट्स भी बनाती थीं. अपर्णा ने लिखित परीक्षा में 1004 में से 825 और पर्सनालिटी टेस्ट में 171 अंक हासिल किए हैं. उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में 35वीं रैंक हासिल की थी.
अपर्णा ने कहाँ यदि व्यक्ति मेहनती है और अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित है तो उसे सफल होने से कोई नही रोक सकता ।