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जूनून इतना की पहले प्रयास में बन गई IAS

IAS बनने का सपना हर कोई देखता है लेकिन सपना पूरा करना सबके बस की बात नही होती । क्योंकि इसके लिए दिन- रात एक करना होता है । लेकिन कुछ ऐसे भी विरले होते है जो पहले ही अटेम्पट में टॉपर बन जाते है ऐसी ही है दिल्ली की प्रतिष्ठा । .

आइये जानें है प्रतिष्ठा ने यह मुकाम कैसे हासिल किया ।

दिल्ली की रहने वाली प्रतिष्ठा उन चुनिंदा कैंडिडेट्स में से आती हैं, जो अपने पहले प्रयास को ही अंतिम समझकर तैयारी करते है उनकी तैयारी इतना सधा हुआ और सही दिशा में होता है कि उनका चयन हो जाता हैं और उन्हें कई एटेम्पट एक परीक्षा पास करने के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ता.              सफलता में अहम भूमिका अपार मेहनत और सही स्ट्रेटजी की होती है ।कुछ कैंडिडेट ऐसे होते हैं जो पहले ही इतनी तैयारी कर लेते हैं कि गलती करने का कोई विकल्प नही छोड़ते. इनकी मेहनत इतनी रहती है कि किस्मत को भी झुकना पड़ता है ।

प्रतिष्ठा ने पहली बार में यूपीएससी परीक्षा क्रैक कैसे कर ली।

प्रतिष्ठा कहती हैं सबसे पहले यूपीएससी के सिलेबस को ठीक से पढ़े और फिर सिलेबस के अनुसार सिमित स्टडी मटेरियल इकट्ठा करें. आपको अपनी strategy स्वयं बनानी होगी और अपने हिसाब से निश्चित टाइम-टेबल बनाकर पढ़ाई शुरू कर दें. हर दिन पढाई का टारगेट रखें कि आज क्या-क्या पढ़ना है और दिन भर का शेड्यूल ऐसा बनाएं जिसमें अधिकतम विषय आ जाएं ।
अमूमन पढ़ते- पढ़ते बोर लगने लग जाता है तो थोड़ा ब्रेक ले ले । पढाई की शुरुआत आप उस विषय से कर सकते हैं जिसमे आपकी रूचि हो ।
दिन के कुछ घंटे अखबार के लिए जरूर निकालें जिसका इस परीक्षा में बहुत महत्वपूर्ण रोल है. अखबार पढ़ने का सही तरीका सीखें ताकि कम समय में महत्वपूर्ण भाग पढ़ पाएं. प्रतिष्ठा कहती हैं जिन्हें पहले से न्यूज पढ़ना, न्यूज़ चैनेल देखना, सुनना पसंद होता है, उन्हें ज्यादा दिक्कत नहीं होती. ।
साथ ही वे ये भी सजेस्ट करती हैं कि जब आप कॉलेज में पढाई कर रहे हो तभी से न्यूज पढ़ना और आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस करना शुरू कर सकते हैं. ये दो प्वॉइंट सफलता के लिए बहुत जरूरी हैं पर बहुत से लोग इन्हें तभी अपनाते है जब यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू करते है ।.

टॉपर्स के इंटरव्यू से समझने की कोशिश

प्रतिष्ठा सोशल मीडिया में टॉपर्स के इंटरव्यू देखकर पहले ही जान चुकी थी कि कैसे प्रश्न पूछे जाते है । करंट के भाग को अखबार से पढ़ पूर्ण किया जा सकता है । इसलिए वो प्रतिदिन अखबार और संपादकीय पढ़ने लगी साथ ही उत्तर लेखन की खूब प्रैक्टिस कर चुकी थी।

रिवीजन भी है जरुरी

अगला अहम कदम प्रतिष्ठा रिवीजन को मानती हैं. उनका कहना हैं कि पढ़ता तो हर कोई है पर लंबे समय तक याद हर कोई नहीं रख पाता ।कोई भी इंसान पढ़ा हुआ बार-बार भूल जाता है . ऐसे में उन्होंने सब्जेक्ट वाइज रिवीज़न करना शुरू किया. प्रतिदिन एक ही चीज को बार- बार पढ़ती और दोहराती तब जाकर वह दिमाग में अच्छे से बैठता था.
प्रतिष्ठा कहती हैं वे सुबह उठने के बाद ही वो हिस्सा उठाती थीं जिसे याद रखना है, जैसे किसी का नाम,स्थान, तारीखें , फैक्ट्स आदि क्योंकि सुबह के समय उनका दिमाग फ्रेश होता था.
उसके बाद अखबार पढ़ती थी और अगले स्टेप में ऑप्शनल या जीएस पर आती थी. दिनभर के कार्यक्रम के बाद रात्रि में बिस्तर पर जाने से पहले प्रतिष्ठा booklet देखती थी। अंत में प्रतिभागियों को उनकी सलाह ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट देने की है ताकि प्रतिभागियों को अपनी गलतियां पता चल सकें और वो सुधार कर सके ।
प्रतिष्ठा ने वर्ष 2017 में अपने प्रथम प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में 50वीं रैंक लाकर अपने सपनो को साकार किया था ।
प्रतिष्ठा कहती हैं कि अगर प्रतिभागी ठीक से प्लान करके चले और पूरी मेहनत और निरंतर स्टडी ईमानदारी करे तो सफलता मिलने में न देर लगती है न ही असफल होने की संभावना बचती है. बस परीक्षा की प्रकृति और जरूरत समझकर तैयारी शुरू करें।

By admin

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